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10 Jun 2020 · 1 min read

तराना,

प्यार की रात है पर बात नहीं होती है,
क्या इस मौसम में बरसात नहीं होती है,
मेरा मसीहा मुझे कितना तूँ बर्बाद करे,
दिन गुजरते हैं पर रात नहीं होती है,
मुद्दतों बाद मुझे उसने नहीं याद किया,
पाया गम मैंने पर दिल को नौशाद किया,
दिल के मयख़ाने में जब भी ठहरा उसने,
साकी बन मुझे हर तरह से बर्बाद किया,

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