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10 Jun 2020 · 1 min read

उंगली।

आठ उंगलियां हाथों में,
किसी एक का कीजिये इस्तेमाल,
उंगली करने की कला सीखिए,
फिर देखिए इसका कमाल,

सबके मामलों में उंगली कीजिये,
ऊटपटांग पूछिए सवाल,
दिखने में उंगली छोटी ही सही पर,
बड़ा मचाए बवाल,

जो ना समझे अहमियत-ए-उंगली,
जीवन उसका नीरस है,
माहिर है जो उंगली में,
उसके जीवन में रस ही रस है,

कौन जाने कब कहाँ,
किस पे उठ जाती है उंगली,
पढ़ाई पूरी होते ही,
नौकरी पे उठ जाती उंगली,

जैसे तैसे नौकरी लगती,
तो शादी पे उठ जाती उंगली ,
देरी हो बच्चे होने में तो,
पति-पत्नी पे उठती है उंगली,

बिना किसी भेदभाव के उंगली,
सब पर पड़ती है भारी,
इसके असर से वाकिफ हैं सारे,
क्या नर क्या नारी,

अच्छी बुरी जैसी भी है,
लाजवाब है उंगली,
दुनिया के हर मुद्दे में,
बेहिसाब है उंगली।

कवि-अंबर श्रीवास्तव

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