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16 May 2020 · 1 min read

गज़ल भर गया कुछ ज्यादा तो छलक आया होगा

()()()()()()()()() गज़ल ()()()()()()()()()
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इश्क क्या हर किसी को रास आया होगा
दर्द सीने में उसने भी तो छिपाया होगा

राह में खुद को ही तन्हा जब पाया होगा
दिल के ज़ख्मों ने उसे भी तो रुलाया होगा

भर गया कुछ ज्यादा तो छलक आया होगा
आंसुओं को कब कोई रोक पाया होगा

प्यार करते हैं ये उसने भी जताया होगा
कोई सपना तेरी आंखों में भी आया होगा

जाग कर रात तुझे प्यार से सुलाया होगा
इश्क अपना तेरे सजदे में लुटाया होगा

कैसे करते खुद को जुदा हम तुझसे
जिंदगी बन के तू जब रुह में समाया होगा

तुझे खुद में जिया और जिलाया होगा
मेरी सांसों में तेरा नाम ही आया होगा
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” गौतम जैन ”
9866251031

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