Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
22 Apr 2020 · 1 min read

सांपरदायिक रंग

इस समय देश में जीने का ये कौन सा ढ़ंग है
कुछ लिखो तो कहते है कि
आप की लेखनी में सांपरदायिक रंग है

पालघर वाली घटना पर सारा देश रोया है
रोज ही देश में कुछ ना कुछ परतिकूल होया है
ये हमारे देश की शातिं किस ने की भंग है
लिख़ो तो कहते हैं कि आप की लेखनी में सांपरदायिक रंग है

वो मेरी बेटी जो रास्ते में चलते चलते मर ग ई
उसे अपने घर ज़ाना था पर ईशवर के घर ग ई
बताईए ज़रा कौन उस बेटी के इंसाफ में उस के संग है
लिखो तो कहते हैं कि आप की लेखनी में सांपरदायिक रंग है

अभी ये हिंदू मुसलमान की कहानी क्यों डाल रहे हो
और दिल में सांपरदायिक भेद क्यो पाल रहे हो
लोकतांतरिक भावना को बरकरार रखिए

बुरा वक्त निकल जाएगा थोड़ा इंतजार रखिए
भगवान गुरूओ अल्लाह का स्मरण करो ज़ो कि हमेशा हमारे संग है।
लिखो तो कहते हैं कि आप की लेखनी में सांपरदायिक रंग है

इस समय देश में जीने का ये कौन सा ढ़ंग है
लिखो तो कहते हैं कि आप की लेखनी में सांपरदायिक रंग है

Loading...