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22 Apr 2020 · 1 min read

प्रेम का गांव

प्रेम ही का गांव हो
प्रीत की मिले डगर
पलकों की छांव हो
और हो लंबा सफर
प्रेम प्रीत का ही हो
मंदिर शहर शहर
प्रेम प्रीत भरकर
रंगोली सजाएं
कई रंग देकर भी
एक रंग लाएं
वजें चाहे वाद्य कई
धुन एक ही बजाएं
प्रेम की धुंनौ का जग में हो ऐसा असर
थिरक उठे दुनिया गाए शहर शहर
प्रेम ही का गांव हो प़ीत की मिले डगर
पलकों की छांव हो और हो लंबा सफर

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