Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Apr 2020 · 1 min read

मेरी आरजू - मेरा स्वास्थ्य

मेरी है एक आरजू,
तेरा ही नाम भजूँ ,

इस नश्वर तन में,
विचलित मन मे,

रखूँ तेरा ही ध्यान ,
मिलता तुझसे ज्ञान,

हर सुख का तू आधार,
सपने करता तू साकार,

सबको तू है प्यारा,
सब तुझसे ही हारा,

कौन तुझसे विमुख,
तू ही सबका प्रमुख,

जग की माया सारी,
वो भी है तुझसे हारी,

कौन नही तुमको जाने,
पर कितने तुमको माने,

तुम हो सबकी छाया,
फिर भी जान न पाया,

समझ गया मेरे आराध्य,
तुम ही हो सबके स्वास्थ्य,
।।जेपीएल।।

Loading...