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13 Apr 2020 · 2 min read

COVID-19

प्रस्तावना : – बेशक़ भारत सुरक्षा-संपन्न देशों में से एक है। लेकिन कुछ लड़ाईयां ऐसी भी होती हैं जो पैसा,लोग एंव हथियारों से नहीं लड़ी जाती हैं जिनके लिए संयम आवश्यक होता है। इस देश ने प्रतिवर्ष भुख़मरी, बेरोज़गारी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, प्रदूषण, जनसंख्या वृद्धि आदि समस्याओं का सामना बेहद तरतीबी से किया है। देश ने कई बार ऐसी स्थितियां पैदा होती देखीं है जिनका कोई सकारात्मक हल नहीं है, इन्हीं में से एक है कोरोना!
“जीना मुश़्किल है कि आसान ज़रा देख तो लो,
लोग लगते हैं परेशान ज़रा देख तो लो…!!”
– ज़ावेद अख़्तर

कोरोना क्या है : – यह कई प्रकार के विषाणुओं (वायरसों) का एक समूह है जो स्तनधारियों में ही नहीं बल्कि पक्षियों में भी रोग उत्पन्न करता है। यह आर.एन.ए वायरस होते हैं। इसके कारण मनुष्यों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा होता है जिससे हल्की सर्दी-जुकाम से लेकर मृत्यु भी हो सकती है। यह चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होने वाला नोबेल कोरोना वायरस है इन्हीं समूहों का वायरस है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नया नाम COVID-19 दिया है ।

कोरोना के लक्षण :- इसके व्यक्ति को खांसी, जुकाम एंव बुख़ार का आना एक शाश्वत विषय है जिससे लोगों को सांस लेने में भारी मशक्क़त करनी पड़ती है और व्यक्ति थकान एंव कमज़ोरी महसूस करता है ।

कोरोना के कारण :- हो सकता है कि शायद, यह प्राकृतिक आपदा हो बल्कि यह पूर्णतः मानव निर्मित जैव वायरस है । जिसकी उत्पत्ति कुछ प्रयोगों की विफ़लताओं पर निर्भर करती है ।
ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने,
क्यों पुराना हुआ वीरान ज़रा देख तो लो!!
– ज़ावेद अख़्तर

कोरोना के परिणाम :- इसे आर्थिक युद्ध या तृतीय विश्व युद्ध की संज्ञा दी सा सकती है क्योंकि इस महामारी से सभी कारखाने पूर्णतः बन्द हो गए हैं और रोज़मर्रा की ज़िन्दगी काटने वाले आदिवासी लोग भी घरों से बेघर होकर रह गए हैं । इसके मुख्य परिणाम यह भी हैं क्योंकि लोग महामारी से कम बल्कि भूख से ज्यादा मर रहे हैं ।
इस दुनिया में मज़दूर जैसा कोई दर-बदर नहीं,
जिसने सबके घर बनाए उसका कोई घर नहीं!!
– अशांजल यादव

रोकथाम के उपाय :- इससे बचने के लिए हमें प्रत्येक व्यक्ति से एक उचित दूरी रखनी चाहिए अगर हो सके तो ज्यादातर लोगों से मिलने से बचें। गर्म पानी का अत्यधिक उपयोग करना चाहिए। खांसते या छींकते वक़्त रूमाल अथवा मास्क का प्रयोग करें। हाथों को सैनेटाइज़र,साबुन अथवा स्प्रिट से समय-समय पर साफ़ करते रहें और घर में रहें सुरक्षित रहें ।
“कुछ भी नहीं बचेगा टाउन में,
अगर घर पे नहीं रहोगे लाकडाउन में!!”
– अशांजल यादव

उपसंहार :- उपरोक्त बिन्दुओं से स्पष्ट है कि कोरोना कोई हास्य का विषय नहीं है बल्कि यह एक महामारी है जिसके प्रकोप से भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण जगत ही अनिश्चितताओं के जाल में फंसा हुआ है। इसे आर्थिक युद्ध या प्राकृतिक आपदा भी कह सकते हैं!

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