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29 Mar 2020 · 1 min read

कैसे दरिंदे शहर में मेरे

गिराते हैं हर पल ये बढ़ने न दे
मेरे भय को मुझसे ये लड़ने न दे
है कैसे दरिंदे शहर में मेरे
परिंदो के पर काटे उड़ने न दे

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