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18 Mar 2020 · 1 min read

क्या से क्या हो गया

देखते देखते क्या से क्या हो गया
बावफा था जो वो बेवफा हो गया

आग तो थी जली रोशनी को मगर
हर तरफ बस धुआँ ही धुआँ हो गया

नाम मेरा बड़ा क्या हुआ देखिए
मेरा उस्ताद मुझसे खफा हो गया

कैसे करते भरोसा हम उस शख्स का
मेरी खुशियों से जो गमजदा हो गया

जो भी ओझल हुआ जीस्त की कैद से
भूली बिसरी हुई दास्ताँ हो गया

मतलबी जहनियत एक होती रही
आदमी आदमी से जुदा हो गया

जिसकी बातों पे हँसती थी दुनिया कभी
उसका हर शब्द अब फलसफा हो गया

वो क्या बिछड़ा मुझे छोड़कर यूँ लगा
मेरे भीतर कोई गुमशुदा हो गया

रहजनी कर रहा था जो ‘संजय’ कभी
सारी दुनिया का वो रहनुमा हो गया

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