Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

जिंदगी ने दी नहीं
हम ने पलट कर ली नहीं
एक कतरा जिंदगी अपने लिए
हम ने जब भी अपनी खुशी देखी
अपनों को खुशी मेरी देखी गई नहीं
हम भटके खुद में खुद में ही अटक गए,
देखते देखते ही सब को हम खटक गए
~ सिद्धार्थ

Loading...