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8 Mar 2020 · 1 min read

होली खेल रहे बरसाने मेरे नटवर नन्द किशोर ।

होली खेल रहे बरसाने,
मेरे नटवर नन्द किशोर ।

गोपी ग्वाल बाल सब नाचें
धूम मची चहुँ ओर
होली आई है कन्हाई
नाचे मस्त मगन मन मोर

होली खेल रहे बरसाने
मेरे नटवर नन्द किशोर ।

लाल गुलाबी नीलो पीलो
हरो रंग लियो घोर
सब रंग फीके पड़े सखी री
श्याम रंग चित चोर

होली खेल रहे बरसाने
मेरे नटवर नन्द किशोर।

देख सामने हुई बावरी
रंग छूट्यो एक ओर
अंग रंगो मोरी रंगी चुनरिया
कर मोसूं बरजोर

होली खेल रहे बरसाने
मेरे नटवर नन्द किशोर ।

अनुराग दीक्षित

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