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5 Mar 2020 · 1 min read

तनिक ठहरो पथिक

अभी और सज रहा है
दुनिया का बाज़ार
तनिक ठहरो पथिक
थोड़ा तो घूम लो….
हर चौराहा सज रहा
मोड़ मोड़ पर है रौनक
ज़रा देखो तो
सब कुछ यहां बिक रहा…
वो देखो उस हाट
लटक रहे हैं उसूल
एक के साथ एक मुफ्त
आजकल है मिल रहा…
और उधर सच पड़ा है
डिब्बे में बंद
टकटकी लगाए देखो
कैसे देख रहा..
ईमानदारी बिक रही
हर दुकान पर
जितनी चाहे ले जाओ
हर कोई अपना झोला भर रहा…
रिश्तों का कारोबार भी
खूब फल रहा
ममता बिक रही
बिक रहा है प्यार
कलम बिक रही
बिक रहा है ईमान
तुम कैसे थक गए भाई
थोड़ा तो घूम लो
अभी और सज रहा है
दुनिया का बाज़ार

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