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5 Mar 2020 · 1 min read

" शब्द "

शब्दों की है अपनी सीमा ,
ज्यादा बयां ना कर पाउंगी ।

अंजाने लफ़्ज़ों के है सलीके अपने ,
हर बात लिख ना दिखा पाउंगी ।

समझ सको तो समझ लेना ,
वरना मैं करके भी दिखाउंगा ।

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली

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