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5 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

1.
हमीं हैं हिंदू हमीं वो मुसलमां
हमीं से गुजरा है हर एक इंसा

हमीं को चाहो तो तुम मार डालो
हमीं मिलेंगे तुम्हें हर एक जगहा
~ सिद्धार्थ
2.

यहां नहीं तो… वहां सजा पाओगे
कब तलक लाशों पे तुम इठलाओगे…?

चमत्कार होते नहीं ये भी ठीक है … मगर
कर्म फल से कब तक खुदी को बचाओगे.?
~ सिद्धार्थ

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