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25 Feb 2020 · 1 min read

संध्या सुन्दरी .. १ / १०

संध्या सुन्दरी, सजी संवरी सजनी l
सहज मधुरतम आलिंगन, उषा – रजनी ll

संध्या सुसज्जीत सुन्दरी l
सपना सी, पर खरी परी ll

संध्या है, छाँव है l (१ / १०)
प्रीत का पड़ाव है ll
प्रीय है साथ साथ l
हाथ में हाथ हाथ ll
कहे ह्दय के पात पात l
नहीं रहे जात पात ll
न उम्र की घात घात l
प्रणय के साथ साथ ll
बस यही हो बात बात l
गूंजे शब्द नाथ नाथ ll
बस प्रीत भाव है l
संध्या है, छाँव है l
प्रीत का पड़ाव है ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

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