Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
9 Feb 2020 · 1 min read

मैं मुस्लिम वो हिन्दू ।

मैं मुस्लिम वो हिन्दू है
तो भला क्या बात है
इन सब के बीच मे आख़िर
आता क्यों जात-पात है

वो मुझमें मैं उसमें हु
इक दूसरे के ख्यालों में
हर जगह तुम्हें ही ढूंढू
मेरे सारे सवालों में ।

मेरी वो मैं उसका हु
कई दिनों की बात है
दिन तो अब ढ़लता नही
होती भी नही अब रात है ।

मैं मिलु उसे वो मिले मुझे
ये इक हमारी चाहत है
तुमसे मिलना मानों जैसे
सदियों कि राहत है ।

-हसीब अनवर

Loading...