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5 Feb 2020 · 1 min read

हमसफ़र हमें कोई न मिला

हमसफर हमे कोई न मिला बस तनहाई है साथी।
जनम-जनम का साथ हमारा जैसे हो दीपक बाती।

मुझको क्या खवर लम्बी रातों के बाद सबेरा है
हमदर्द मेरा हमदम मेरा गमनशी ये अँधेरा है
ये सूरज चाँद सितारे सब मुझको तम के सौगाती ।
जनम जनम का साथ हमारा जैसे हो दीपक बाती ॥

खारों से कोई शिकवा न हमें, हम हैं फूलों के सताये
क्यों ना हो मुहब्बत अश्कों से दिनरात इन्हीं से नहाये
हर साँस मेरी,मेरी धडकन बस राग विरह का गाती।
जनम-जनम का साथ हमारा जैसे हो दीपक बाती।।

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