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4 Feb 2020 · 1 min read

उसका रुठना और मेरा मनाना लाजमी था

उसका रुठना और मेरा मनाना लाजमी था
उसका दूर और मेरा पास जाना लाजमी था

पाहली मोहब्बत का पहला मौका-ए-वस्ल
उसका शर्माना और हाथ छुडा़ना लाजमी था

तमाम दुनियां कि फिक्र और जमाने का डर
उसका मुस्कुराना और घबराना लाजमी था

तनहा दिल की दशा ही कुछ ऐसी थी
उसका गाना और गुनगुनाना लाजमी था

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