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15 Jan 2020 · 1 min read

सफरनामा

—सफरनामा—-
——————–
सफर में जन्मा हूँ
सफर में पला हूँ

सफर कर रहा हूँ
सफर में पड़ा हूँ

सफर में चला था
सफर जी रहा हूँ

सफर जिन्दगी है
जिंदगी जी रहा हूँ

सफर तो बचा है
अभी थक गया हूँ

सफ़री खर्चे गए
सफर बीच में हूँ

साथी चले गए
अभी सफर में हूँ

सफर हो खुशनमा
स्वयं हंस रहा हूँ

सफर अनूठा हो
यत्न कर रहा हूँ

निज में व्यस्त हैं
तन्हा जा रहा हूँ

मंजिले मिली नहीं
मैं बीत गया हूँ

हमसफर नहीं हैं
सफर कर रहा हूँ

सुखविंद्र चल रहा
सफर में विषम हूँ

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
474 Views
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