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3 Jan 2020 · 1 min read

चोट लगे हमको तो दर्द बहुत होता हैं,

कविता

चोट लगे हमको दर्द बहुत होता हैं,|
लगे हमें तो इसका यहशास बुरा होता हैं,||

आवाज़ निकले मुँह से,दर्द बहुत होता हैं,
आँखों में देखो तो दरिया सा बहता हैं,||

साथ हो अपने तो इसका यहशास अलग होता हैं,|
शीने लगा ले हमें वो ये मन हमारा कहता हैं,||

न रोया हो जो सब के सामने वो अकेले में बहुत रोता हैं,|
कोई मिल जाय उसे जिसके आँचल में चुपके से सो जाय,||

समय कितना भी रहा हो बलवान,|
जब भी वो संयम न खोया हैं,||

मार जाते हैं ,अपने ही घाव गहराई में,|
इसलिये इन्हें सोच कर बहुत रोया हैं,||

पूँछों न किसी से किसने क्या खोया हैं,|
किसी ने मजबूरी में तो किसी ने अपात में खोया हैं,||

पाने का यहशास भी खोने से ही होया हैं,|
दर्द का यहशास मयूँशी में ही होया हैं,||

चोट लगे हमें तो दर्द बहुत होता हैं,
हमें इसका यहशास बहुत बुरा होता हैं,||

लेखक—–
Jayvind singh

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 499 Views
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