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24 Dec 2019 · 1 min read

बेटी का दर्द...

तू कहे तो माँ मैं ना आऊँ,
इस दलदल सी दुनियाँ में ।

माँ माहौल बता मुझको,
तू अपनी अंधेरी जालिम दुनिया का ।

मैं जियूँ या मर जाऊँ,
फ़िर तू पछतावा मत करना,

यूँ ताने मार मेरे जीवन को,
अपने प्यार से मरहूम नहीं करना ।

कर सकती है तू अन्त हे माँ,
अपनी निर्मल निश्चल बेदाग़ ममता का ।

फिर मुझे शिक़ायत मत करना,
मौक़ा न मिला तुझे कुछ कहने का ।

फ़र्क़ सिर्फ़ इतना होगा माँ,
जब आऊँगी दुनियाँ में, कोई ज़ाहिल मुझे यूँ नौचेगा ।

भला गर चाहे तू मेरा,
कर कत्ल मेरा तू गर्भतले, बेदर्द तुझे इतना होना होगा ।

“आघात” आज तू निश्चय करले,
अवला की राह मिले मुशिकल, उस कष्ट को तू अपना लेना ।

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