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24 Dec 2019 · 1 min read

विरहन

नित नयनों में बादल अटके।
आँसू बन पलकों पर लटके।
मोती के कमलों पर बैठी-
विरहन का मन इत-उत भटके।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

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