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23 Dec 2019 · 1 min read

है बहुत अफसोस देखो जल रहा है ये वतन

चंद लोगों की वजह से खो गया है अब अमन
है बहुत अफसोस देखो जल रहा है ये वतन

धर्म की ही आग में यूँ जल रहा है देश सारा
जान भी जाती हमारी,माल जलता ये हमारा
बात कहने के तरीके और भी कितने यहाँ है
शांति से बात कहने का न चुनते क्यों चलन
है बहुत अफसोस देखो जल रहा है ये वतन

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई हैं यहाँ पर भाई भाई
हक़ बराबर हैं सभी के क्यों रहे फिर ये लड़ाई
बात का कोई बतंगड़ यूँ नहीं तुम सब बनाओ
क्या नहीं अधिकार मिलता है टटोलो बस जरा मन
है बहुत अफसोस देखो जल रहा है ये वतन

चाल चलती है सियासत खेलती बस बाजियाँ हैं
आग भड़का सेकती ये अपनी ही बस रोटियाँ हैं
सोचो समझो खुद तभी पहुँचो किसी निर्णय पे तुम
हो नहीं सकता किसी अधिकार का कोई हनन
है बहुत अफसोस देखो जल रहा है ये वतन

22-12-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 282 Views
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