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23 Dec 2019 · 1 min read

वही पुरानी भूल

होगी बढकर दूसरी,.नही दूसरी चूक !
बने रहे जो आज भी,गूँगे बहरे मूक !!

दुहराई जो आपने, …..वही पुरानी भूल !
कैसे कह दें शूल फिर होंगे नही त्रिशूल !!
रमेश शर्मा.

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