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3 Dec 2019 · 1 min read

दो घूँट...

ग़मों ने मारा है मुझे बस थोड़ा सा तो जी लूँ!
प्यासा हूँ बड़ी मुद्दत से ज़रा दो घूँट तो पी लूँ!

मर जाऊँ तेरा हो कर यही ख़्वाहिश है मेरी!
वफ़ा की उधड़ी तुरपाई फिर इक बार सी लूँ!
?-AnoopS©
4 Nov. 2019

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