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29 Nov 2019 · 1 min read

फोन

फोन
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मोबाइल याद रखने लगा है जब से नंबर
तब से कहां कोई नंबर याद है !
रखता था जो पूरे परिवार को जोड़े
वो टेलिफोन सेट इन दिनों न जाने कहां गायब है !
‘हैलो!’ सुनकर जब धड़क जाता था दिल
वो अहसास मैसेजों की भीड़ में गुम हुआ शायद है!
छुपकर कागज़ की पर्ची पर दिए जाते थे जब नंबर
अब तो सोशल मीडिया पर डेटिंग ऐप्स का हुआ राज़ है !
लाल-पीले-नीले-हरे सेटों का था अपना ही रुआब
अब तो बस आइफोन का ही दुनिया में फैला स्वैग है!
फोन महज़ एक ज़रिया है और हमेशा रहेगा
वरना बे-फोन तो दिल से दिल का कनैक्शन
सदा से ही लाजवाब है!
~Sugyata
Image Google
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