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23 Nov 2019 · 1 min read

मुक्तक

नज़रों ने देखा वो भी नज़ारा कभी कभी,
कि इंसान अपने खून से हारा कभी कभी,
जरुरत रही जब अपनों की वो साथ ना रहे
किस्मत से मिला गया है किनारा कभी कभी..

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