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17 Nov 2019 · 1 min read

दुनिया-ए-दस्तूर

दुनिया-ए-दस्तूर को हम अब निभाएं कैसे!
पास जब चाहे उसके जाना तो जाएं कैसे!

मेरी खामोशी ही मुहब्बत हैं एे मेरे सनम!
लफ्ज़ो को अपने हिलाएं तो हिलाएं कैसे!

बेइन्तहा करता हूँ तुझे प्यार ये बताना हैं!
दिल अपना चीर के तुझको दिखाएं कैसे!

वक्त ठहर जाता हैं जब चले जाते हो तुम!
दिल में उठता हैं जो दर्द वो दिखाएं कैसे!
?- Anoop S©
12th Oct 19

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