Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Nov 2019 · 1 min read

कुंडलिया छंद

सादर नमन
……??
न्यायपालिका ने किया, सुंदर सा उदघोष।
हरि जीते सँग में खुदा, हुआ परम संतोष।।

हुआ परम संतोष, फैसला सुंदर आया।
हुआ नहीं अन्याय, सभी के मन को भाया।।

बने राम का धाम, सजाओ दीप मालिका।
करें सभी सम्मान,जयति जय न्यायपालिका।।

✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Loading...