Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Nov 2019 · 1 min read

प्रदूषण और.स्मोग

प्रदूषण और स्मोग का छाया कहर
प्रदूषित है आज देश का गाँव शहर

लोगों ने दीवाली पर चलाए पटाखे
प्रदूषित पर्यावरण प्रदूषक थे पटाखे

धान की जलती पराली, उठता धूँआ
बना प्रदूषक गगन में सुलगता धूँआ

दम घुट रहा है मच गई है त्राहि त्राहि
पर्यावरण प्रदूषण से छायी है तबाही

गले में खसखस , आँखों में जलन है
सांस लेना भी मुश्किल हुआ मरण है

समोक और स्मोग हो गया है मिश्रित
वातावरण प्रदूषित चहुंओर है चर्चित

कब होगा धान अवशेष का समाधान
देश का हर जन हो रहा बड़ा परेशान

सरकारें को अब बनानी होगी नीतियां
अवशेषों को खाद अपवर्तन नीतियां

क्रियाएं जो फैलाती हैं अत्यंत प्रदूषण
प्रतिबंधित हो ताकि थम जाए प्रदूषण

हर जन गण को होना होगा जागरूक
प्रदूषण जाए जड़ से हो सब जागरूक

प्रदूषण और स्मोग का छाया है कहर
प्रदूषित है आज देश का हर गाँव शहर

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Loading...