Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Nov 2019 · 1 min read

मुक्तक

पत्थरों में तुम भगवान खोजते हो।
अपने माँ बाप के ख्वाब रौदते हो।
कैसे पूरी होगी ख़्वाहिशें तुम्हारी।
इंसानों की जिन्दगी में जहर घोलते हो।

बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
9893342060

Loading...