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1 Nov 2019 · 1 min read

कभी-कभी

कभी-कभी हर काम में, सबसे होती भूल।
गलती गिन कर आप यूँ, नहीं चुभाएँ शूल।।

नमक रसोई में रखा,उठ कर लेते आप।
बिना नमक का दाल फिर, क्यों खाते चुप चाप।।

नमक मिलाते खुद अगर , बढ़ जाता कुछ स्वाद।
हाथ आप का चूमती,पत्नी उसके बाद। ।

बात हँसी में टालिये, उसे समझ कर मित्र।
जीवन बगिया फूल सा, पत्नी होती इत्र।।

पत्नी को आती समझ, पति मन की हर भाव।
हंसी उड़ेगी फिर नहीं, बदले आप स्वभाव।।

-लक्ष्मी सिंह

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