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21 Oct 2019 · 1 min read

न मंजिल मिली।

दिखाके गगन के चमकते सितारे
सलीके से खुद को छले जा रहे हैं,
न मंजिल मिली न पता कोई इसका
न जाने कहाँ हम चले जा रहे हैं।

अनिल मिश्र प्रहरी।

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