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14 Oct 2019 · 1 min read

आपका मत विशेषाधिकार

भीड़ बढ़ी है.
बड़ी है !
EVM का जमाना.

बालू रेत सा टिल्ला,
संभलकर चलना,
याददाश्त नहीं हैं,
इतिहास साक्षी

मोम सा पिंघलना,
अवशेष नहीं छोड़ता,
पहले भी लाक्षागृह.
सजे है, सँवरे हैं,

यही है राजपाट के सिलसले,
सिर्फ़ चेहरे बदले है,
चरित्र चित्रण नहीं !
अभिनय मृगमरीचिका सम

#जीवन_एक_अभिव्यक्ति

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