Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Oct 2019 · 1 min read

आज शरद की रात

आज शरद की रात ओ. प्रियतम आ जाना ।
सुने मन के निधिवन में सजीले मोहनाश्याम तू रास रचा जाना।।
जाने कबसे ए मोहन नीरस सी पड़ी है वेणु,,
गुम सुम सी हो गई है तेरी। अब श्यामा धेनु।
वही कदंब,की डाल तू
तान सुना जाना।
जाने,
जाने कब से यह विरहन मिलने की बाट निहारे।
जन्मों जन्मो की प्यासी और। मन पर प्रीत संवारे।
एक झलक बस एक बूंद नैनों से श्याम पिला जाना।
आज
आज शरद की धवल चांदनी तेरी बाट निहारे।
नखत गगन के व्याकुल होकर लुका छिपी खेलें सारे।
श्याम निभाने रीत प्रीत की भोर से पहले आ जाना।c
आज

मुझ जोगन ने तेरे प्यार में लोक लाज विसराई है।
तन मन तेरे प्यार में डूबा प्रीत अनोखी पाई है । ।
रेखा जोगन हुई स्याम की आज दरस दिखला जाना। आज

Loading...