Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Sep 2019 · 1 min read

तुम मुझसे भी बेहतर हो

मै जो एक शब्द हूं तो
तुम पुरा एक अक्षर हो
तुम मेरे बराबर तो हो ही
तुम मुझसे भी बेहतर हो

मै तो दफ्तर से आकर
थककर आलस में आ जाता हूं
तुम जब दफ्तर से आती हो
मैं तुम पर ही चिल्लाता हूं
तुम पुरा दिन थककर भी
सब के लिए खाना बनाती हो
सब को खिला लेने के बाद
सबसे आखिर में तुम खाती हो
मैने कभी नहीं की है घर
के कामों में मदद तुम्हारी
मै मानता हूं ये है गलती हमारी

मैं हूं केवल पाता यहां का
तुम तो पुरा परिचय हो
तुम मेरे बराबर तो हो ही
तुम मुझसे भी बेहतर हो

न जाने कितना कुछ तुमने सहा है
ऐसा कोई प्यार नही
तुम पर हाथ उठाने का मेरा कोई
अधिकार नही है
पर ये पाप भी मैने किया है
तुम्हें लाखों कष्ट दिया है
पर फिर भी तुमने ये रिश्ता न तोड़ा
मुझे मेरे हाल पर ही अकेला न छोड़ा
तुमने मुझ पर एहसान किया है
मेरी सभी गलतीयों के लिए
माफ करदो तुम मुझे
बस यही दलील हमारी है
मेरी पत्नी होने का हर
फर्ज निभाया हैं तुमने
अब बारी हमारी है

मैं अगर कामयाबी की इमारत हूं तो
उसमें हर एक पत्थर तुम हो
तुम मेरे बराबर तो हो ही
तुम मुझसे भी बेहतर हो

Loading...