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22 Sep 2019 · 1 min read

हाइकु

हायकु
~~~~~~
तिरंगा मंच
में लहराते बच्चे~~
सलामी धुन

माँ ने पकायी
पालक, आलू, रोटी~~
दाल की गंध

सूर्य कांति का
प्रतिबिम्ब जल में ~
खिला कमल

गीली युवती
पानी की फुहार में ~
इंद्र धनुष

कपास खेत
में विधवा व बच्चा–
भ्रमर गूँज

रात रानी की
खुशबू बह रही~
लोरी गाती माँ

पत्ते से गिरी
पानी बूँद झील में —
भेक की कूद

गन्ने का खेत~
बिल्ली के पंजे दबी
चूहा का बच्चा

अंत्येष्टी कर्म ~
साहिल में माता की
फोटो पे माला

चांदनी रात–
उसके स्मरण में
रात्रि पहरा

डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

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