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20 Sep 2019 · 1 min read

ग़ज़ल

——-ग़ज़ल——

ये न पूछो हमें मिल गया कौन है
दिल के आँगन में आकर खड़ा कौन है

जिसने दी है ज़माने की सारी खुशी
क्या कहूँ वो मेरा देवता कौन है

मुद्दतों से हो सहरा बियाबान जो
ये बताओ उसे सींचता कौन है

शम्अ क्यों फड़फड़ाने लगी बज़्म की रोकोमहफिल से उठ कर चला कौन है

जो युगों से करे राज दिल पर मेरे
एक तेरे सिवा दूसरा कौन है

ज़र्फ़-ए-गुल से जीने का लो हौसला
बीच काँटों के उन सा जिया कौन है

और चेहरा छुपाए हैं “प्रीतम” सभी
आज दिल से यहाँ आइना कौन है

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती(उ०प्र०)

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