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11 Sep 2019 · 2 min read

भारत के नए अछूत :- सवर्णों की पीड़ा

हमको देखो हम सवर्ण हैं, भारत माँ के पूत हैं

लेकिन दुःख है अब भारत में, हम सब ‘नए अछूत’ हैं

सारे नियम सभी कानूनों ने, हमको ही मारा है

भारत का निर्माता देखो, अपने घर में हारा है

नहीं हमारे लिए नौकरी, नहीं सीट विद्यालय में

ना अपनी कोई सुनवाई संसद में, न्यायालय में

हम भविष्य थे भारत माँ के, आज बने हम भूत हैं

बेहद दुःख है अब भारत में, हम सब ‘नए अछूत’ हैं

दलित’ महज़ आरोप लगा दे, हमें जेल में जाना है

हम-निर्दोष हैं दोषी नहीं, ये सबूत भी लाना है

हम जिनको सत्ता में लाये, छुरा उन्होंने घोंपा है

काले कानूनों की भट्ठी, में हम सब को झोंका है

किसको चुनें किन्हें हम मत दें, सारे ही यमदूत हैं

बेहद दुःख है अब भारत में, हम सब ‘नए अछूत’ हैं

प्राण त्यागते हैं सीमा पर, लड़ कर मरते हम ही हैं

अपनी मेधा से भारत की, सेवा करते हम ही हैं

हर सवर्ण इस भारत माँ का, एक अनमोल नगीना है

अपने तो बच्चे बच्चे का, छप्पन इंची सीना है

भस्म हमारी महाकाल से, लिपटी हुई भभूत है

लेकिन दुःख है अब भारत में, हम सब ‘नए अछूत’ हैं

देकर खून पसीना अपना, इस गुलशन को सींचा है

डूबा देश रसातल में जब, हमने बाहर खींचा है

हमने ही भारत भूमि में, धर्म-ध्वजा लहराई है

सोच हमारी नभ को चूमे, बातों में गहराई है

हम हैं त्यागी,हम बैरागी, हम ही तो अवधूत हैं

बेहद दुःख है अब भारत में, हम सब ‘नए अछूत’ है

✍️ #karansharma

समस्त सवर्ण समाज के सभ्य बंधुओ को समर्पित

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