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23 Aug 2019 · 1 min read

श्याम की बाँसुरी

जब अधर पर सजी श्याम की बाँसुरी
छीन दिल ले गई श्याम की बाँसुरी

हो गई प्यार में राधिका बावरी
रँग में साँवरे के हुई साँवरी
हर समय देखकर श्याम के साथ ही
सौत उसको लगी श्याम की बाँसुरी
छीन दिल ले गई श्याम की बाँसुरी

तान सुन खो गई गोपियाँ भी कहीं
रुक गया वक़्त जैसे वहीं के वहीं
सृष्टि भी लग रही गुम गई हो यहीं
तीर यमुना बजी श्याम की बाँसुरी
छीन दिल ले गई श्याम की बाँसुरी

बॉस की है बनी जादुई है असर
भर दिलों में खुशी पीर लेती है हर
फूँकती जान बेजान तन में यही
है सुरीली बड़ी श्याम की बाँसुरी
छीन दिल ले गई श्याम की बाँसुरी

23-08-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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