Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
23 Aug 2019 · 1 min read

तू पास मेरे

तू पास मेरे तो फिर मुझको
महफ़िल की जरूरत क्या होगी।
तू साथ मेरे तो फिर मुझको
किसी और की चाहत क्या होगी।
हम तुम साथ चले थे जब
तो दुनिया जल कर ख़ाक हुई
तू छोड़ न जाना अब वरना
मुझे जीने की चाहत क्या होगी। क्या होगी?
तू साथ मेरे तो फिर मुझको
किसी और की चाहत क्या होगी।।1।।
तू गीत खुशी के जब गाती
निर्जन बगिया भी खिल जाती
कुछ और नहीं मैं सुनता हूँ
बस तेरी धुन में रहता हूँ।
नजरें ही सब जो कह देंगी .. तो..
लफ़्ज़ों की जरूरत क्या होगी। क्या होगी?
तू साथ मेरे तो फिर मुझको
किसी और की चाहत क्या होगी।। 2।।
चलते चलते एक दिन सच में
जीवन मंजिल पा जाएगी
कोई भेद नहीं होगा तब
मिल जाएंगे हम इक दूजे में
रूह मेरी तेरे संग होगी..तो
इस तन की जरूरत क्या होगी। क्या होगी?
तू साथ मेरे तो फिर मुझको
किसी और की चाहत क्या होगी।।3।।
तू पास मेरे तो फिर मुझको,
महफ़िल की जरूरत क्या होगी।

Loading...