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20 Aug 2019 · 1 min read

प्रेम शिकारी

प्रेम-शिकारी आ गए चाहत का मौसम आ गया
प्रेम के लुटेरे आ गए चाहत का मौसम आ गया

संभल जाओ, दिलवालों, आई रुत प्यार करने की
चित्चोर परिन्दे आ गए सावन का महीना आ गया

प्यार कर लो है,अभी कर लो, , यहीं गले मिल लो
प्रेम के करिंदे आ गए मस्ताना मौसम आ गया

संवर जाओ,समझ जाओ,परख जाओ,संभल जाओ
दिल छलने वाले आ गए सुहाना मौसम आ गया

खाएंं होगें, बहुत धोखे, यहाँ अपनों – बेगानों से
प्रेम सौदागर आ गए मतवाला मौसम आ गया

हसीं पलहैं ,हंसी पल हैं ,भौंरे बैठे हैं फूलों पर
भँवरे मँडराने आ गए रसीला का मौसम आ गया

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

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