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18 Aug 2019 · 1 min read

बहन

बातचीत औ मस्खरी, सब दीदी के संग।
बड़ी बहन होती नहीं, किसको करती तंग।।

सुख दुःख की वो संगिनी, मेरी दिल ओ जान।
मुझको लगती कीमती, उसकी हर मुस्कान।।

मेरी हर कठिनाइयाँ, कर देती आसान।
रोकर कुछ भी माँग लूँ, झट लेती है मान।

दोनों मिलकर खेलते, कई तरह के खेल।
करूँ प्रार्थना हर समय, बना रहे यह मेल। ।

– वेधा सिंह

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