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17 Aug 2019 · 1 min read

मच्छर

हाय कहाँ से आ गया,ये मच्छर शैतान।
मटक-मटक कर घूमता,अपना सीना तान।।

मच्छर है खच्चर बहुत, जड़ूँ उसे दो चाट।
मुझे अकेला देख कर, झट से लेता काट।।

जूँ-जूँ कर के रात भर,गाता है मल्हार।
शहनाई-सी चोच से,बहुत जताता प्यार।।

दिखता है छोटा मगर, बहुत बड़ा शैतान।
मलेरिया डेंगू के जनक, लेगें क्षण में जान।।
-लक्षमी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
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