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12 Aug 2019 · 1 min read

मुक्तक

तुम्हे पता है क्या,…?
क्या ढूंढती हूँ मै,…?
बस एक अदना सा वकील
जो दिल के दरबार में सुनवाई करवा दे
यार से इश्क की गवाही दिलवादे
मेरा सुलह करा दे,
इश्क में एक और मोहलत दिलवादे
यार से मेरा सुलह करवादे
…सिद्धार्थ

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