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10 Aug 2019 · 1 min read

मैं भारत हूँ

बाँटो ना तुम टुकड़ों मैं तो सम्पूर्ण विरासत हूँ,
मैं भारत हूँ……..मैं भारत हूँ…….. मैं भारत हूँ

मैं ऋक् हूँ, मैं सामवेद हूँ, मैं गीता का सत्य वचन,
चानक्य का चिन्तन हूँ मैं, विश्वामित्र-नवल सिरजन,
गौतम-गांधी सब पनपे हैं, सबके लिए रियासत हूँ।
मै भारत हूँ…. मैं भारत हूँ…….. मैं भारत हूँ…..

जंगल, झरने, नदियाँ, सागर, अद्भुत रूप, अनोखे हैं,
हर ओर छटा, सुषमा व्यापी, हर रंग सुनहरे चोखे हैं,

कालीदास का रघुवंशम् हूँ, मैं कुमारसंभव उनका,
पिटक-ग्रंथ, कबिराहा हूँ मैं, नानक-पंथी हूँ सबका,

तुलसी की मैं विनयपत्रिका, रहिमन सहित इबादत हूँ।
मैं भारत हूँ…. मैं भारत हूँ…. मैं भारत हूँ,

मंदिर में पूजा करता हूँ, मस्जिद भी सिर झुकता है,
चला आ रहा लाखों-बरसों, कहाँ कारवां रुकता है,

विश्व हमारा है पूरा मै सबके लिए सलामत हूँ!
मैं भारत हूँ…. मैं भारत हूँ…. मैं भारत हूँ

सभी रहें सम्पूर्ण शांति से, सबका हो कल्याण यहाँ
यह धरती का स्वर्ग हमारा, बसते सबके प्राण जहाँ,

उच्छृंखल हैं, विशृंखल हैं, उनके लिए हिदायत हूँ।
मैं भारत हूँ…. मैं भारत हूँ……. मैं भारत हूँ…….

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