Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2019 · 1 min read

रूमानी ग़जल

रूमानी ग़ज़ल

212 212 212 212

हर तरफ हर जगह आप ही आप हैं।
दूर भी आप हैं, पास भी आप हैं।

झल-झलाती हुई शर्म खाती हुई,
मरमरी सा बदन वाह क्या छाप हैं।

पेश है बादिया धड़कने आपको,
आपकी दौड़ती रक्त की चाप हैं।

क्या सिखा आप से आब-ए-आईना,
चांद की चांदनी आज चुपचाप हैं।

कौन-सी रात ‘हम’ रह गये साथ में,
इस बदन में भरा ताप ही ताप हैं।

बादिया= प्याला।
रूमानी= प्रेम-प्रसंग वाला।
आब-ए-आईना= दर्पण की चमक।

Rishikant Rao Shikhare
01-07-2019

309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
अर्चना मुकेश मेहता
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
भावो को पिरोता हु
भावो को पिरोता हु
भरत कुमार सोलंकी
जाणै द्यो मनैं तैं ब्याव मं
जाणै द्यो मनैं तैं ब्याव मं
gurudeenverma198
यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है
यहां गूंगा भी बहुत तेज बोलना है
दीपक बवेजा सरल
एकांत ये घना है
एकांत ये घना है
Vivek Pandey
टेसू के अग्नि पुष्प
टेसू के अग्नि पुष्प
Ami
लिवाज
लिवाज
उमेश बैरवा
सवाल ये नहीं तुम को पाकर हम क्या पाते
सवाल ये नहीं तुम को पाकर हम क्या पाते
Dr fauzia Naseem shad
इंसान का व्यस्त रहना बहुत
इंसान का व्यस्त रहना बहुत
पूर्वार्थ
"पुरुष का मौन: दर्दों की अनकही व्यथा"(अभिलेश श्रीभारती)
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
हर किसी पर नहीं ज़ाहिर होते
हर किसी पर नहीं ज़ाहिर होते
Shweta Soni
ख़ामोश लफ़्ज़ों का शोर
ख़ामोश लफ़्ज़ों का शोर
Lokesh Dangi
बेहतरीन इंसान वो है
बेहतरीन इंसान वो है
शेखर सिंह
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
गुमनाम 'बाबा'
(कॉलेज का पहला दिन)
(कॉलेज का पहला दिन)
Aaidan Goyal
नारीत्व
नारीत्व
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
नकाब पोश
नकाब पोश
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो भुलाया हैं तो वजह कोई बड़ी ही रही होगी।
जो भुलाया हैं तो वजह कोई बड़ी ही रही होगी।
Madhu Gupta "अपराजिता"
*दोहा*
*दोहा*
Ravi Prakash
4298.💐 *पूर्णिका* 💐
4298.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* चाह भीगने की *
* चाह भीगने की *
surenderpal vaidya
ज़िंदगी के रास्ते सरल नहीं होते....!!!!
ज़िंदगी के रास्ते सरल नहीं होते....!!!!
Jyoti Khari
बेटियाँ
बेटियाँ
Dr Archana Gupta
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हमसफ़र नहीं क़यामत के सिवा
हमसफ़र नहीं क़यामत के सिवा
Shreedhar
ना ही लम्हात कई याद दिलाने के लिए।
ना ही लम्हात कई याद दिलाने के लिए।
*प्रणय प्रभात*
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
Neelofar Khan
Loading...