Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2019 · 1 min read

ग़जल

ग़ज़ल

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन

आइना क्या देखकर शरमा रहा है।
यूँ मिली जब आंख तो घबरा रहा है।

बंद पलकों से कहो ना दर्द कुछ भी,
दिल अभी नादान हँसा जा रहा है।

खनखनाकर शोर उठती चूड़ियों की,
क्या शिकायत मुझको बतला रहा है।

आज से पहले नही इतना हँसा वो
राज कुछ है साज जो छिपा रहा है।

ये अँधेरे ढूँढ ही लेते हैं ‘मुझको’,
रौशनी जो आंख में जलता रहा है।

Rishikant Rao Shikhare

253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हरी चूनर
हरी चूनर
Indu Nandal
तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
श्याम सांवरा
वसुधैव कुटुम्बकम्
वसुधैव कुटुम्बकम्
उमा झा
चल पनघट की ओर सखी।
चल पनघट की ओर सखी।
Anil Mishra Prahari
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
किस से कहें
किस से कहें
हिमांशु Kulshrestha
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
अंसार एटवी
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
परिंदे भी वफ़ा की तलाश में फिरते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" गलती "
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
कभी तो फिर मिलो
कभी तो फिर मिलो
Davina Amar Thakral
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
You may not get everything that you like in your life. That
You may not get everything that you like in your life. That
पूर्वार्थ
जब कभी हमारे मन में किसी बात को लेकर डर बैठता है तो हम डिप्र
जब कभी हमारे मन में किसी बात को लेकर डर बैठता है तो हम डिप्र
पूर्वार्थ देव
सुबह का प्रणाम। इस शेर के साथ।
सुबह का प्रणाम। इस शेर के साथ।
*प्रणय प्रभात*
जिंदगी के आईने को चश्मे से देखा मैंने,
जिंदगी के आईने को चश्मे से देखा मैंने,
Deepesh purohit
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
DrLakshman Jha Parimal
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
अब मत पूछो
अब मत पूछो
Bindesh kumar jha
उसकी आंखें ही पढ़ आया
उसकी आंखें ही पढ़ आया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
Acharya Shilak Ram
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Anamika Tiwari 'annpurna '
यही सोचकर इतनी मैने जिन्दगी बिता दी।
यही सोचकर इतनी मैने जिन्दगी बिता दी।
Taj Mohammad
जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
Loading...