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24 Jul 2019 · 1 min read

समता का भाव

समता का भाव

फूल
उपवन को
महका रहे हैं
हर एक पर
खुशी लुटा रहे हैं
हर चेहरे को
खिला रहे हैं
पावन अहसास
करा रहे हैं
अगङे पिछङों का
भेद नहीं
किसी के
हिन्दू-मुस्लिम
होने का खेद नहीं
कितना समता का
भाव है

-विनोद सिल्ला©

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