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7 Jul 2019 · 1 min read

ज़िंदगी मज़ा है

ज़िंदगी मज़ा है
——————-
कहते हैं सब ज़िंदगी,होती इक सज़ा है।
मैं कहता हँसके जियो,देखो क्या मज़ा है।।

चमकीली है धूप-सी,अंबर के रूप-सी।
शोभित है ये हार-सी,खिलते गुलज़ार-सी।
इसकी हर शै मौज़ दे,लेना गर रज़ा है।
मैं कहता हँसके जियो,देखो क्या मज़ा है।।

ठंडी पीपल छाँव-सी,हरियाली गाँव-सी।
बहती झरनों तेज़-सी,ये कोरे पेज़-सी।
गाओ झूमो ओज है,रोकर ये क़ज़ा है।
मैं कहता हँसके जियो,देखो क्या मज़ा है।।

प्रेमी-दिल का प्यार है,दुल्हन शृंगार है।
गीतों का ये सार है,मानो उपहार है।
हारो खुद से हार है,जीतो तो बज़ा है।
मैं कहता हँसके जियो,देखो क्या मज़ा है।।

आर.एस.प्रीतम
———————
सर्वाधिकार सुरक्षित radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 543 Views
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